सीता, जटायु व लक्ष्मण का जिक्र कर जज ने दिया एम जे अकबर को झटका

नई दिल्ली
-मानहानि केस में कहा-महिला की गरिमा का महत्व बताते हैं महाभारत व रामायण जैसे महाकाव्य
दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को मानहानि केस में बरी कर दिया, जिसे उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दर्ज कराया था। बुधवार को दिए फैसले में कोर्ट ने महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्य से उदाहरण देते हुए कहा कि ये एक महिला की गरिमा का महत्व बताते हैं।
चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे ने कहा कि यह शर्मनाक है कि इस तरह की घटनाएं भारत में हो रही हैं। एक महिला की गरिमा की सुरक्षा दिखाने के लिए हमारे देश मे दो महान महाकाव्यों महाभारत और रामायण की रचना हुई।
रामायण के आरण्य कांड का उदाहरण देते हुए जज ने कहा कि सीता की रक्षा के लिए जटायु पक्षी रावण से लड़ा था। इसी तरह जब लक्ष्मण को सीता के बारे में पूछा कहा गया तो उन्होंने कहा कि चरणों से ऊपर तो उन्होंने कभी देखा नहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कार में महिलाओं के प्रति श्रद्धा आवश्यक है।
अदालत ने यह भी कहा कि अधिकांश महिलाएं अपनी गरिमा को बचाने के लिए यौन उत्पीड़न के बारे में बात नहीं करती हैं, क्योंकि उनका भी एक परिवार है और उन्हें आघात से गुजरना पड़ता है। अकबर और रमानी की ओर से बहस पूरी हो जाने के बाद कोर्ट ने 1 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब है कि रमानी ने 2018 में #MeToo मूवमेंट के तहत एम जे अकबर पर यौन दुराचार का आरोप लगाया था। पत्रकार व पूर्व विदेश राज्य मंत्री अकबर ने रमानी के खिलाफ 15 अक्टूबर 2018 को आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। रमानी के आरोप के बाद एमजे अकबर को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
220 total views, 1 views today