प्रसव में अमानत से हुई सुविधा तो दूर हो रही नर्सों की दुविधा

मुजफ्फरपुर
– अमानत प्रशिक्षित नर्सों से स्वास्थ्य केंद्रों पर बढ़ा है विश्वास
प्रसव एक ऐसा वक्त जिसमें थोड़ी सी असावधानी और जानकारी का अभाव दो जिंदगी को गंभीर बना सकती है। प्रसव के वक्त इसी असावधानी और जानकारी को प्रबल करने के उदृयेश्य से दिया जाने वाला अमानत ज्योति कार्यक्रम अब स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। यह जिले के प्रत्येक प्रखंड के दो नर्सों को दिया जाता है। जो फैसीलिटी और आउटरीच में जाकर उस प्रशिक्षण में सीखी गयी बातों को इस्तेमाल में लाती हैं जिससे कई जिंदगी खिलखिला रही हैं। अमानत प्रशिक्षण प्राप्त एक ऐसी ही एएनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कांटी में कार्यरत हैं जिनका नाम है चित्रलेखा कुमारी। चित्रलेखा के अनुसार अमानत से उनकी कार्यशैली में वृहत बदलाव आए हैं। हाथ धोने के सही तरीके से लेकर प्रसव पूर्व और प्रसव बाद की दिक्क्तों को समझना अमानत प्रशिक्षण के कारण ही संभव हो सका है। जिससे प्रसव कक्ष में भी उनकी कार्यक्षमता में सजगता और बदलाव आया है।
जटिल प्रसव को समझने और प्रबंधन में हुई है आसानी
चित्रलेखा कहती हैं कि वह प्रसव कक्ष में भी काम करती हैं| ऐसे में प्रसव कराने के दौरान जटिलताएं भी आती हैं, पर अमानत के कारण इसे समझने और सुलझाने में काफी सहायता मिली है। प्रशिक्षण के बाद इसका हल वह खुद कर लेती हैं। प्रसव कराने वाली महिलाओं का विश्वास अमानत प्रशिक्षण के बाद काफी बढ़ा है। अभी हाल में ही मैंने ब्रीच कंडीशन में भी प्रसव कराया है। वहीं पीपीएच, एक्लेंप्सिया, प्री एक्लेंसिया की पहचान कर उसका निदान कराना अमानत के कारण ही संभव हो सका है।
स्वास्थ्य केंद्र के बारे में बदला है नजरिया
बैरिया कोल्हुआ पैंगमबरपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र में कार्यरत एएनएम किरण कुमारी कहती हैं कि अमानत प्रशिक्षण में प्रसव पूर्व जांच के बारे में जो प्रशिक्षण मिला वह बहुत ही मददगार साबित हो रहा है। इस प्रशिक्षण की बदौलत ही हम हाई रिस्क की गर्भवतियों , एनीमिक और कमजोर महिलाओं की पहचान कर पाते हैं। जिससे उनका प्रसव सुरक्षित हो सके। पहले लोगों को लगता था कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर सेवाएं कम हैं और कुशल स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है, पर ऐसा नहीं है सरकारी अस्पतालों में जहां आधुनिक उपकरण हैं वहीं कुशल स्वास्थ्यकर्मी और अमानत प्रशिक्षित नर्सें है जिससे प्रसव कराना और नवजात की देखभाल आसान हुई है। अमानत के माध्यम से ही कंगारु मदर केयर की विधियों को सीख माताओं को उसकी सलाह भी देती हूं।
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