बिहार में अब सामने आया बॉडीगार्ड घोटाला

पटना
– आरटीआई से हुआ खुलासा
आरटीआई के तहत नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में बॉडीगार्ड के नाम पर भारी वित्तीय गड़बड़ियां सामने आई हैंl एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने बड़ी संख्या में लोगों को बॉडीगार्ड मुहैया कराने के मामले में सूचना के अधिकार कानून का उपयोग कर सीएजी से जानकारी मांगी थी, जिसके बाद यह मामला सामने आया हैl
कैग के अनुसार अरवल जिले में 1.24 करोड़ रुपये बॉडीगार्ड पर खर्च किएl अररिया में एक करोड़ से ज्यादा, समस्तीपुर में एक करोड़, पटना में 87 लाख, गया में 73 लाख और बक्सर में 44 लाख रुपये के साथ ही कई अन्य जिलों में भी निजी लोगों के बॉडीगार्ड पर पैसे खर्च हुए हैंl जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ है।
हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि वैसे लोगों पर ही बॉडीगार्ड के मद में पैसे खर्च किए जायेंगे जो सामाजिक सरोकार से जुड़े हों या उनकी जान पर खतरा होl लेकिन रिपोर्ट में सामने आया है कि कई आपराधिक प्रवृत्ति और माफिया किस्म के लोगों को भी बॉडीगार्ड मुहैया कराए गए हैं और इसके बदले में राशि भी नहीं वसूली गई हैl
बॉडीगार्ड आवंटन में सामने आया यह घोटाला वर्ष 2017 से 2020 के बीच का हैl कैग की रिपोर्ट से बिहार पुलिस मुख्यालय भी अवगत हैl कई जिलों के पुलिस कप्तान और जिलाधिकारी इस घोटाले की जद में आ सकते हैंl इन अधिकारियों पर आरोप है कि किसी के निजी स्वार्थ में इन लोगों ने सरकार को राजस्व का भारी नुकसान कराया हैl
आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने पैसे की रिकवरी कराने की मांग सरकार से करते हुए कहा है कि ऐसा नहीं होने पर वो सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएंगेl उधर बिहार प्रदेश भ्रस्टाचार उन्मूलन समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि यह काफी संगीन मामला है क्योंकि जिला प्रशासन के शीर्ष पर बैठे लोगों से इस प्रकार की उम्मीद नहीं की जा सकतीl यदि सरकार संबंधित व्यक्तियों से इस राशि की वसूली नही करती है तो हम कोर्ट जाने को विवश होंगे।
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